भाजपा के कब्जे की सीटों पर 13% तक कम वोटिंग
नाम————–सीट————2019———2024———-अंतरवीडी शर्मा——खजुराहो———68.28——–56.96———11.32 फीसद
रीति पाठक—–सीधी————69.50———56.50——–13.00 फीसद
हिमाद्री सिंह—-शहडोल———74.73———64.68———10.65 फीसद
जनार्दन मिश्रा—रीवा————60.30———49.42———10.91 फीसद
इन नेताओं की सीट पर भी अधिक वोटिंग नहीं
सीट—————-कांग्रेस———–भाजपा————–2019———2024———अंतर छिंदवाड़ा———-नकुलनाथ——–विवेक बंटी साहू—82.39%—-79.83%—– -2.56%मंडला————-ओमकार———-फग्गन सिंह——-77.76%—–72.84%—- -4.92%
रतलाम———–कांतिलाल———अनिता सिंह——-75.66%—–72.94%—- -2.72% क्या कहते हैं जानकार ? इस मामले में वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक मामलों के जानकार महेश श्रीवास्तवका कहना है कि जब दल और उसके नेता उम्मीद के अनुसार आचरण नहीं करते। पसंद का प्रत्याशी नहीं देते तो मतदाताओं का उत्साह कम होता है। इसका असर वोटिंग पर दिखता है। दलों को खुद में सुधार करना चाहिए।
भाजपा ने जिन सांसदों के टिकट काटे, उनमें से तीन पर ही ज्यादा वोटिंग
सांसद————-लोकसभा सीट——-2019 वोटिंग%—-2024 वोटिंग%——-अंतरप्रज्ञा सिंह ठाकुर——-भोपाल————65.70————64.06—————1.64% कम
केपी यादव————–गुना————–70.32————-72.43—————2.11% ज्यादा
छतरसिंह दरबार——–धार————–75.25————-72.76—————2.49% कम
रमाकांत भार्गव———विदिशा———–71.79————-74.48————–2.69% ज्यादा
गुमाम सिंह डामोर—–रतलाम———–75.66————-72.94————–2.72% कम
विवेक शेजवलकर——ग्वालियर———-59.78————-62.13————–2.35% कम
राजबहादुर सिंह———सागर————-65.51————-65.75————–0.24% ज्यादा
ढाल सिंह बिसेन——-बालाघाट———-77.61————-73.45————–4.16% कम